बिहार के दो तिहाई नए विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे : एडीआर

बिहार के दो तिहाई नए विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे : एडीआर

नई दिल्ली
बिहार विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने वाले विधायकों में से दो तिहाई के खिलाफ आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं तो 81 फीसदी विधायक करोड़पति हैं। यह दावा निर्वाचन अधिकारी समूह एडीआर (एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स) ने मंगलवार को जीत हासिल करने वाले 241 उम्मीदवारों की तरफ से निर्वाचन कार्यालय में जमा कराए गए शपथपत्र का विश्लेषण करने के बाद किया है।

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, विजयी विधायकों में से 68 फीसदी (163 विधायकों) ने अपने खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज होने की बात शपथपत्र में स्वीकार की है। इनमें से 51 फीसदी (123 विधायकों) के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। एडीआर के मुताबिक, 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीतने वाले विधायकों में 58 फीसदी (142 विधायकों) ने आपराधिक मुकदमा दर्ज होने की घोषणा की थी।
अहम दलों में से राजद के 75 विजेताओं में से 73 फीसदी (54 विधायकों) के खिलाफ, भाजपा की 74 विजयी सीटों में से 64 फीसदी (47 विधायकों) के खिलाफ, जदयू के 43 विजेताओं में से 47 फीसदी (20 विधायकों) और कांग्रेस के 19 विजेताओं में से 84 फीसदी (16 विधायकों), भाकपा माले के 12 विजेताओं में से 83 फीसदी (10 विधायकों) और एआईएमआईएम के पांचों विजयी विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मुकदमे होने की बात स्वीकारी है।

गंभीर अपराधों के मुकदमे भी राजद के 60 फीसदी (44 विधायकों), भाजपा के 48 फीसदी (35 विधायकों), जदयू के 26 फीसदी (11 विधायकों), कांग्रेस के 58 फीसदी (11 विधायकों), भाकपा माले के 67 फीसदी (8 विधायकों) और एआईएमआईएम के पांचों विधायकों के खिलाफ दर्ज हैं।

घट गई महिलाओं की संख्या, बुजुर्ग हैं युवाओं से ज्यादा
इस बार चुनावों में जीतने वाली महिला उम्मीदवारों की संख्या 2015 के मुकाबले एक फीसदी घट गई है। 2015 में जहां 12 फीसदी (28 विधायक) महिलाएं थीं, वहीं इस बार उनकी संख्या 11 फीसदी (26 विधायक) रह गई है। बुजुर्गों की संख्या भी युवा विधायकों से ज्यादा है। विजेताओं में 48 फीसदी (115 विधायक) की आयु 25 से 50 साल के बीच है, जबकि 51 से 80 साल के बीच उम्र वाले विजेता 52 फीसदी (126 विधायकों) हैं। विजेता उम्मीदवारों में से 34 फीसदी यानी (82 विधायकों) की शैक्षिक योग्यता पांचवीं से 12वीं कक्षा के बीच है, जबकि 62 फीसदी (149 विधायकों) ने खुद को स्नातक या उससे ज्यादा पढ़ा लिखा बताया है। नौ विजेता ऐसे भी हैं, जो महज साक्षर हैं और एक विजेता डिप्लोमाधारक है।

सबसे ज्यादा करोड़पति विजेता हैं भाजपा के पास
194 विधायक (81 फीसदी) करोड़पति हैं इस बार विजेताओं में।
162 विधायक (67 फीसदी) ही थे 2015 में करोड़पति सूची में।
65 विधायक (89 फीसदी) सबसे ज्यादा भाजपा के हैं करोड़पति।
64 विधायकों (87 फीसदी) के साथ राजद है दूसरे नंबर पर।
38 विधायक (88 फीसदी) जदयू के और 14 विधायक (74 फीसदी) हैं कांग्रेस के।
4.32 करोड़ रुपये है विजेता विधायकों की औसत संपत्ति इस बार।
3.15 करोड़ रुपये थी 2015 में दोबारा निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति।
67 फीसदी इजाफे के साथ 5.26 करोड़ रुपये हो गई है ऐसे विधायकों की औसत संपत्ति।

 

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